कोरोना के कारण गर्भवती महिलाओं को खास खतरा, बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

कोरोना के कारण गर्भवती महिलाओं को खास खतरा, बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान

सेहतराग टीम

कोरोना वायरस इस समय काफी भयानक हो चुका है। इसकी वजह से लोगों में भय बना हुआ है। ऐसे में लोगों के मन में एक सवाल है कि आखिर इस वायरस से कैसे बचें। ये वायरस वैसे तो सभी वर्ग के लिए घातक है लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए ये कुछ ज्यादा खतरनाक है। क्योंकि गर्भवती महिलाओं को अपनी रक्षा के साथ-साथ पेट में पल रहे बच्चे की भी सुरक्षा करनी होती है। वैसे गर्भवती स्त्रियों का अपनी सेहत के प्रति सशंकित होना स्वाभाविक भी है। क्योंकि कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को डरा कर रखा है। ऐसे में आइए जानते हैं कि गर्भावस्था के विभिन्न चरणों में और डिलीवरी के बाद उन्हें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

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फर्स्ट ट्राइमेस्टर है खास

टेस्ट किट के जरिए जब प्रेग्नेंसी कंफर्म हो जाए तो उसके बाद आमतौर पर डॉक्टर रूटीन चेकअप, ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड के लिए मरीज को हॉस्पिटल के ओपीडी डिपार्टमेंट में बुलाते हैं। परेशानी से बचने के लिए पहले से ही अपॉइंटमेंट लेकर रखें। कोशिश यही होनी चाहिए कि आपकी सारी जांच एक ही दिन हो जाए। आजकल रिपोर्ट्स ऑनलाइन आ जाती हैं, अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट आप बाद में घर पर मंगवा सकती हैं।

सेकेंड ट्राइमेस्टर है सुरक्षित

सेकेंड ट्राइमेस्टर यानि चौथे से छठे महीने तक के टाइम को प्रेग्नेंसी का सबसे सुरक्षित दौर माना जाता है। इस दौरान नॉज़िया या वोमिटिंग जैसे समस्याएं कम होने लगती हैं। गर्भस्थ शिशु के विकास की दृष्टि से यह अवस्था महत्वपूर्ण मानी जाती है। पांचवें महीने में जरूरत महसूस होने पर डॉक्टर अल्ट्रासाउंड के लिए बुला सकती है। इसी दौरान गर्भ में शिशु के मूवमेंट का एहसास होने लगता है, अगर इसमें रूकावट महसूस हो तभी डॉक्टर के पास जाएं। वरना कोई जरूरत नहीं।

तीसरा ट्राइमेस्टरः रहें तैयार

यह प्रेग्नेंसी का सबसे महत्वपूर्ण दौर है, डिलिवरी का समय धीरे-धीरे करीब आने लगता है। संक्रमण की वजह से बाहर निकलना सुरक्षित नहीं है, इसलिए किसी पार्क में जाने के बजाय अपने घर के भीतर ही टहलें और किसी फिटनेस एक्सपर्ट से ऑनलाइन कंसल्टेंसी लेकर घर पर ही एक्सरसाइज करें। 

पोस्ट डिलीवरी केयर

जब नवजात शिशु अपनी मां के साथ घर आता है तो उस दौरान पति या परिवार के अन्य सदस्यों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उनके लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि शिशु के कमरे में परिवार के अन्य सदस्य बार-बार बेवजह न जाएं और अपने जूते-चप्पल हमेशा कमरे के बाहर रखें। शिशु को गोद में लेते समय मां को भी हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगी तो कोविड-19 से आपका पूरा परिवार सुरक्षित रहेगा।

यह भी न भूलें

1. यह तो सभी को मालूम है कि प्रेग्नेंसी के दौरान प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिंस और आयरन से भरपूर पौष्टिक और संतुलित आहार लेना चाहिए, लेकिन वर्तमान दौर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए अपने डाइट में खट्टे फलों, ब्रॉक्ली, लहसुन, अदरक और हल्दी को प्रमुखता से शामिल करें।

2. आजकल अधिकतर लोग घर पर ही समोसा, जलेबी, कचौरी, पिज्जा-पास्ता जैसी चीज़ें बना रहे हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा मात्रा में घी-तेल और मैदे का ज्यादा सेवन नुकसानदायक होता है। इसलिए खानपान की अच्छी आदतें अपनाएं।

 

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